Jasprit Bumrah: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने 2024/25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऐसा प्रदर्शन किया है जो क्रिकेट इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। बुमराह ने अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से न केवल टीम इंडिया को मजबूती दी है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि वह क्रिकेट की दुनिया के सबसे शानदार ऑलराउंड खिलाड़ियों में से एक हैं। https://cricketmaan.com
असाधारण आंकड़े
Jasprit Bumrah: 31 वर्षीय जसप्रीत बुमराह ने इस सीरीज में 143.2 ओवरों में 860 गेंदें फेंकी हैं और 31 विकेट लिए हैं। उनकी गेंदबाजी औसत मात्र 12.64 रही है, जबकि इकॉनमी रेट 2.73 के बेहद किफायती आंकड़े पर है। उनकी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 6/76 रही, जिसने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।यह केवल उनके विकेट लेने की क्षमता ही नहीं, बल्कि लगातार हर दिन मैदान पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की प्रतिबद्धता है जो उन्हें खास बनाती है। इस सीरीज में अब तक ऐसा कोई दिन नहीं रहा जब बुमराह मैदान पर सक्रिय न रहे हों। चाहे गेंदबाजी हो या बल्लेबाजी, बुमराह ने हर दिन योगदान दिया है।
निचले क्रम में भी दिखाया दम
बुमराह न केवल गेंद से, बल्कि बल्ले से भी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने अब तक सीरीज में 42 रन बनाए हैं, जो कि एक तेज गेंदबाज के लिए शानदार उपलब्धि है। चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने भारतीय टीम के वरिष्ठ बल्लेबाज रोहित शर्मा से भी अधिक रन बनाए हैं, जो इस सीरीज में अब तक केवल 31 रन बना सके हैं।पांचवें टेस्ट के पहले दिन, जब भारतीय शीर्ष क्रम बुरी तरह लड़खड़ा गया था, बुमराह ने 17 गेंदों पर 22 रनों की तेजतर्रार पारी खेली। उनकी इस पारी में तीन चौके और एक शानदार छक्का शामिल था। उनकी इस पारी ने भारत को 185 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया और एक बार फिर यह साबित किया कि बुमराह मुश्किल परिस्थितियों में भी टीम को संभाल सकते हैं।
निर्णायक विकेट से बदला मैच का रुख
पहले दिन के खेल के अंतिम ओवर में बुमराह ने अपनी गेंदबाजी का जादू बिखेरा। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के फॉर्म में चल रहे सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को दिन की आखिरी गेंद पर बोल्ड कर दिया। यह विकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए बड़ा झटका था और भारत के लिए एक निर्णायक पल साबित हुआ।
टीम के प्रति समर्पण
बुमराह के प्रदर्शन का सबसे खास पहलू उनका टीम के प्रति समर्पण है। उन्होंने हर मैच में अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी है। एक तेज गेंदबाज के लिए 860 गेंदें फेंकना अपने आप में एक बड़ी बात है। लेकिन बुमराह ने इसे सहजता से निभाया है। उनकी फिटनेस और मानसिक दृढ़ता काबिले तारीफ है।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की स्थिति
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हमेशा से ही रोमांचक रही है। इस बार भी यह ट्रॉफी दोनों टीमों के बीच तीव्र मुकाबले का गवाह बनी है। हालांकि, बुमराह की शानदार गेंदबाजी और बल्लेबाजी के चलते भारत मजबूत स्थिति में है।
इतिहास के पन्नों में बुमराह का नाम
जसप्रीत बुमराह की इस सीरीज में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें इतिहास के महानतम तेज गेंदबाजों की सूची में स्थान दिलाया है। वह न केवल भारत बल्कि विश्व क्रिकेट के लिए एक प्रेरणा बन गए हैं। उनकी खेल भावना, प्रदर्शन और समर्पण उन्हें एक पीढ़ी में एक बार आने वाले खिलाड़ी बनाते हैं।
निचले क्रम के नायक
बुमराह की निचले क्रम की बल्लेबाजी ने भारत को कई बार मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला है। पांचवें टेस्ट के पहले दिन उनका 22 रनों का योगदान टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। यह रन केवल स्कोर में जोड़ने के लिए नहीं थे, बल्कि टीम को मनोवैज्ञानिक बढ़त दिलाने में भी मददगार रहे।
आगे की उम्मीदें
सीरीज के बाकी बचे मैचों में बुमराह से और भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। उनके हालिया प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी समय मैच का रुख बदल सकते हैं।
टीम को सफलता दिलाने में अहम भूमिका
जसप्रीत बुमराह ने 2024/25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जो किया है, वह असाधारण है। उनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों ने भारतीय टीम को सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि बुमराह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में लंबे समय तक याद किए जाएंगे।इस सीरीज में उनका योगदान न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व क्रिकेट के लिए भी एक मील का पत्थर है।