IPL 2025: आईपीएल 2025 के सीजन से पहले इसी साल के आखिर में ऑक्शन होगा। इस बीच पता चला है कि सितंबर के पहले सप्ताह में कभी भी बीसीसीआई की ओर से रिटेंशन पॉलिसी जारी की जा सकती है।
IPL 2025: आईपीएल 2025 को लेकर गहमागहमी बढ़ चुकी है। अभी भले ही ऑक्शन में देरी हो और सीजन अगले साल खेला जाना हो, लेकिन टीमों की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस बीच इंतजार इस बात का किया जा रहा है कि ऑक्शन से पहले टीमें कितने खिलाड़ी रिटेन कर सकेंगी, इससे पर्दा उठे। बीसीसीआई ने इसके लिए अभी तक कोई भी नियम जारी नहीं किए हैं। पहले माना जा रहा था कि 31 अगस्त तक तस्वीर साफ हो जाएगी, लेकिन अब तारीख बढ़ती हुई नजर आ रही है।
क्या इस बार भी ऐसा होगा या फिर कुछ बदलाव
इंडियन प्रीमियर लीग में हर बार ऑक्शन से पहले बीसीसीआई के नियमों के अनुसार टीमों को अपने खिलाड़ी रिलीज और रिटेन करने होते हैं। पिछली बार की बात करें तो तब टीमें अपने स्क्वाड में से कोई भी चार खिलाड़ी रिटेन कर सकती थीं। इसमें तीन भारतीय और एक विदेशी खिलाड़ी या फिर दो भारतीय और दो विदेशी खिलाड़ी का नियम लागू था। इसके बाद बाकी खिलाड़ी अपने आप रिलीज मान लिए जाते हैं। क्या इस बार भी ऐसा होगा या फिर कुछ बदलाव, ये अभी साफ नहीं है। हालांकि बीसीसीआई ने पिछले दिनों मुंबई में सभी आईपीएल फ्रेंचाइजियों की मीटिंग बुलाई थी, ताकि सभी से बात कर आमराय बनाई जा सके। लेकिन सभी के अपने अपने मत थे, इसलिए इसका ऐलान टाल दिया गया
31 अगस्त तक नए नियमों के बारे में बता दिया जाएगा।
बीसीसीआई ने सभी फ्रेंचाइजियों से बात की और इसके बाद आखिरी फैसले का टाल दिया था। पहले पता चला था कि 31 अगस्त तक नए नियमों के बारे में बता दिया जाएगा। लेकिन अब क्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट में जानकारी से चला है कि सितंबर के पहले सप्ताह में बीसीसीआई की ओर से इसको लेकर आखिरी ऐलान कर दिया जाएगा। नियम आने के बाद ही टीमें अपने उन खिलाड़ियों की लिस्ट बनाएंगी, जिन्हें वे रिटेन करने जा रही हैं। इससे जहां एक ओर टीमों का काम बढ़ेगा, वहीं प्लेयर्स की धड़कनें भी बढ़ सकती हैं। जितने कम खिलाड़ी रिटेन करने की परमीशन दी जाएगी, उतने ही ज्यादा खिलाड़ी रिलीज करने पड़ेंगे।
खास बात ये भी है कि कुछ कमजोर टीमें, जिनका प्रदर्शन पिछले दो तीन साल बेहतर नहीं रहा है, वे चाहती हैं कि कम से कम रिटेंशन दिए जाएं, ताकि ऑक्शन के लिए ज्यादा बड़े खिलाड़ी मैदान में आएं और वे अपनी टीम को नए सिरे से बना सकें। वहीं जो टीमें लगातार अच्छा प्रदर्शन करती आई हैं, वे ज्यादा रिटेंशन चाहती हैं, ताकि वे अपना कोर बनाए रख सकें। यही वजह है कि टीमें बेसब्री से रिटेंशन पॉलिसी का इंतजार कर रही हैं। देखना होगा कि आखिरी फैसला क्या होता है।