“शुभमन गिल की अग्निपरीक्षा: क्या MCG पर लौटेगा उनका खोया आत्मविश्वास?”

शुभमन गिल की अग्निपरीक्षा: शुभमन गिल के बल्ले से गेंद के टकराने की आवाज़ में एक अलग ही जादू है। जब वे फॉर्म में होते हैं, तो उनकी टाइमिंग हर शॉट को खास बना देती है। वनडे क्रिकेट में उन्होंने यह कई बार साबित भी किया है। 47 वनडे में 58.20 की औसत के साथ गिल ने अपनी काबिलियत का परिचय दिया है। लेकिन यह चमक टेस्ट क्रिकेट में फीकी पड़ जाती है। https://cricketmaan.com

31 टेस्ट मैचों में उनका औसत 35.76 है, जो उनकी प्रतिभा के लिहाज से उम्मीद से काफी कम है। खासकर SENA देशों (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में उनका औसत 29.57 तक गिर जाता है। उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे क्रीज पर जमने के बाद अपनी पारी को बड़ा स्कोर में बदलने में असफल रहते हैं। पिछले सात विदेशी टेस्ट में उनका सर्वोच्च स्कोर सिर्फ 36 है।

नंबर 3 की जिम्मेदारी और गिल की असमंजस
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गिल ने खुद नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने की इच्छा जताई थी। यह वह स्थान है जहां बल्लेबाज को पारी का स्वरूप तय करना होता है। चाहे वह रिकी पोंटिंग की तरह आक्रामक हो या राहुल द्रविड़ की तरह टिकाऊ। लेकिन गिल अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि उन्हें किस शैली में खेलना चाहिए। यही असमंजस उनके खेल में भी दिखता है। कभी वे अच्छी तरह गेंद छोड़ते हैं, तो कभी अचानक गेंद पर अनावश्यक शॉट खेलने लगते हैं।

चेतेश्वर पुजारा, जिन्होंने खुद इस नंबर पर लंबा खेला है, ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, “शुभमन गिल के हाथ सख्त हैं। उन्हें अपने फुटवर्क पर और मेहनत करनी होगी। इस सीरीज में हमने देखा है कि वे गेंद की ओर जाने के बजाय शॉर्ट गेंदों का इंतजार कर रहे हैं।”

तकनीक और मानसिकता की चुनौती

ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर गेंद हर समय कुछ न कुछ करती रहती है। ऐसी परिस्थितियों में गिल की मौजूदा तकनीक और मानसिकता उन्हें मुश्किल में डाल रही है। उनकी एक और समस्या पुल शॉट खेलते हुए आउट होने की है। अब तो ऐसा लगता है कि वे बैकफुट पर शॉर्ट गेंद का इंतजार कर रहे हैं।

केएल राहुल ने हाल ही में कहा था, “पहले 10-15 ओवर निकालने के बाद आत्मविश्वास बढ़ने लगता है। उसके बाद आप खेल का आनंद लेने लगते हैं। बस शुरुआत में गेंदबाजों का सम्मान करना और अपनी योजनाओं पर कायम रहना ज़रूरी है।”

राहुल की यह बात गिल के लिए सबक हो सकती है। राहुल ने खुद ओपनर के रूप में कूकाबुरा गेंद के खिलाफ अनुशासन दिखाया है। गिल को भी वही रवैया अपनाना होगा।

क्रीज पर जमने की ज़रूरत
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रविवार को गिल ने कुछ नया करने की कोशिश की। वे अलग-अलग गेंदबाजों के खिलाफ अपने स्टांस बदलते दिखे। यह कुछ वैसा है जैसा स्टीव स्मिथ लंबे समय से करते आ रहे हैं। लेकिन गिल के लिए यह नई प्रक्रिया है, और यह तभी सफल होगी जब वे मैदान पर रन बना पाएंगे। नेट्स पर अच्छा खेलना आत्मविश्वास को थोड़ा बढ़ा सकता है, लेकिन मैदान पर अच्छा प्रदर्शन ही रिकॉर्ड सुधार सकता है।

MCG पर मौका

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) उनके लिए बेहतर मौका हो सकता है। पिच में थोड़ा उछाल होगा, लेकिन यह पर्थ या ब्रिसबेन जितनी कठिन नहीं होगी। क्यूरेटर के अनुसार, अगर बल्लेबाज जम जाए, तो रन बनाए जा सकते हैं। गिल के पास प्रतिभा है और अगर वे संयम रखकर खेलें, तो वह इसे बड़े स्कोर में बदल सकते हैं।

भारत को गिल से बड़ी उम्मीदें हैं, और बॉक्सिंग डे टेस्ट उनके करियर के लिए अहम मोड़ साबित हो सकता है। प्रशंसकों को भी उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार है।

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